Haryana Fasal Vividhikaran Yojana : हरियाणा सरकार ने अपने राज्य में फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने और किसानों की आय को बढ़ाने लिए फसल विविधीकरण योजना की शुरुवात की है । Haryana Crop Diversification Scheme में धान की खेती को छोड़ने वाले किसानों को 7000 रुपए प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जाती है साथ ही उन्हें अन्य वैकल्पिक फसलों जैसे-मक्का की खेती करने पर 2400 रुपए प्रति एकड़ और दलहन मूंग, अरहर, उड़द की खेती करने पर 3600 रुपए प्रति एकड़ की सहायत राशि प्रदान की जाती है प्रदेश सरकार का सन् 2023 में यह लक्ष्य है कि इस योजना को 10 जिलों में 50 हजार एकड़ में अपनाया जाएगा। राज्य के एक किसान को 5 एकड़ तक ही यह प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
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Haryana Fasal Vividhikaran Yojana 2023
Haryana Crop Diversification Scheme को हरियाणा सरकार ने अपने राज्य में गिरते हुए भूजल स्तर को कंट्रोल करने के लिए मेरा पानी मेरी विरासत के तहत लॉन्च किया है। इस योजना के तहत धान की फसल को छोड़कर अन्य फसलें जैसे-कपास, मक्का, जवार, अरंडी, मूंगफली, दलहन, सब्जी एवं फल की खेती करने पर 7000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इन फसलों को सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी खरीदती है। हरियाणा सरकार ने Haryana Crop Diversification Scheme को शुरू करने का फैसला इसलिए लिया था। क्योंकि 1 किलो चावल उगाने में लगभग 300 लीटर पानी की जरूरत होती है जो एक बहुत ही बड़ी मात्रा है। इसलिए राज्य के किसानों को धान की खेती छोड़कर अन्य कम पानी वाली और कम लागत वाली फसलों की बुवाई करने के लिए प्रोत्साहन राशि देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है जिससे किसानों को फायदा हो और राज्य के भूजल स्तर को कंट्रोल किया जा सके।
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हरियाणा फसल विविधीकरण योजना का overview
योजना का नाम | Haryana Crop Diversification Scheme |
शुरू की गई | मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जी के द्वारा |
साल | 2023 |
लाभार्थी | राज्य के किसान |
उद्देश्य | भूजल स्तर को नियंत्रित करना एवं फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना |
योजना की श्रेणी | राज्य सरकारी योजना |
आवेदन प्रक्रिया | Online |
अधिकारिक वेबसाइट | https://agriharyana.gov.in/ |
Category | Haryana Govt Scheme |
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हरियाणा फसल विविधीकरण योजना 2023 का उद्देश्य क्या है?
इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य हरियाणा में बढ़ती हुई पानी की कमी से हो रही समस्या को दूर करना है और किसानों को धान की खेती छोड़कर अन्य फसलों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना है। क्योंकि धान की खेती में बहुत ज्यादा मात्रा में पानी की खपत होती है इस से हरियाणा के कई जिलों में जल स्तर नीचे गिरता जा रहा है। इसी समस्याओं सुलझाते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री ने हरियाणा फसल विविधीकरण योजना को शुरू करने का फैसला लिया है। इस योजना के तहत धान की खेती छोड़कर अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती करने पर प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। Haryana Crop Diversification Scheme के माध्यम से किसानों की आय में बढ़ोतरी होने के साथ राज्य में अन्य फसलें जैसे-मक्का, तिलहन एवं दलहन की फसलों को बढ़ावा मिल रहा है। जिससे राज्य इन फसलों को उगाने के क्षेत्र में भी विकसित होगा।
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Haryana Crop Diversification Scheme के लाभ और विशेषताएं
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने राज्य के गिरते हुए जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए फसल विविधीकरण योजना हरियाणा को शुरू किया गया है।
- इस योजना में धान की फसल की जगह अन्य फसलें जैसे-कपास, मक्का, दलहन, मूंगफली, जवार, अरंडी, सब्जी एवं फलों की खेती करने पर 7000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी ।
- इसके अलावा मक्का की खेती करने पर 2400 रुपए प्रति एकड़ और दलहन की खेती करने पर 3600 रुपए प्रति एकड़ का अनुदान भी प्रदान किया जाता है।
- यह प्रोत्साहन और अनुदान राशि सरकार केवल 5 एकड़ तक ही देगी।
- राज्य में सन् 2023 में इस योजना को 10 जिलों में 50 हजार एकड़ जमीन पर अपनाया जाएगा। यह हरियाणा सरकार का मुख्य लक्ष्य है
- Haryana Crop Diversification Scheme के अंतर्गत राज्य में अनेक प्रकार की फसलों की बुवाई होगी। जिससे भूमि की उर्वरता शक्ति में बढ़ोतरी आएगी।
- यह योजना राज्य में जल की समस्या का समाधान करने के साथ-साथ किसानों की आय में वृद्धि करने में भी कारगर साबित होगी।
फसल विविधीकरण योजना की पात्रता
- किसान हरियाणा का निवासी होना चाहिए।
- किसान को अपने पिछले वर्ष की खेती वाले धान के minimum 50% हिस्से में विविध फसलों की बुवाई करनी आवश्यक है।
- किसान का बैंक अकाउंट आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए ।
Haryana Fasal Vividhikaran Yojana महत्वपूर्ण दस्तावेज
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- कृषि योग्य भूमि के दस्तावेज
- पहचान पत्र
- मोबाइल नंबर
- बैंक खाता
- पासपोर्ट साइज फोटो
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हरियाणा फसल विविधीकरण योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन कैसे करें!
- सबसे पहले किसान को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा
- अब आपके सामने वेबसाइट का होमपेज खुल जायगा
- वेबसाइट के होमपेज पर आपको फसल विविधीकरण के लिए पंजीकरण करे के ऑप्शन पर क्लिक कर देना है।
- अब आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा जिसमे आपको रजिस्ट्रेशन फॉर्म दिखेगा ।
- इस फॉर्म में आपको अपना आधार नंबर एवं अन्य डिटेल्स भरनी है और अगले भाग में किसान को अपनी सभी जानकारी दर्ज करनी है।
- इसके बाद किसान को भूमि से संबंधित जानकारी भरनी है। इसके बाद फसल के विवरण की जानकारी दर्ज करनी है।
- आप सभी जानकारियां दर्ज करने के बाद फॉर्म को सबमिट कर दें।
- इस प्रकार आपकी Haryana Crop Diversification Scheme 2023 के तहत आवेदन पूरी हो जाएगी।
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FAQs
हरियाणा फसल विविधीकरण योजना क्या है?
हरियाणा फसल विविधीकरण योजना एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य फसलों के विविधीकरण को बढ़ावा देना और हरियाणा राज्य में धान की खेती पर निर्भरता को कम करना है।
हरियाणा में फसल विविधीकरण योजना का उद्देश्य क्या है?
फसल विविधीकरण योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को धान के अलावा वैकल्पिक फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करना है, जिससे कृषि उत्पादकता में सुधार, जल संसाधनों का संरक्षण और किसानों की आय में वृद्धि हो सके।
हरियाणा फसल विविधीकरण योजना का लाभ लेने के लिए कौन पात्र है?
हरियाणा में किसान जो धान की खेती करते हैं और सरकार द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों और पात्रता मानदंडों के अनुसार अन्य फसलों को उगाने के इच्छुक हैं, वे फसल विविधीकरण योजना का लाभ उठा सकते हैं।
हरियाणा फसल विविधीकरण योजना के तहत क्या-क्या लाभ मिलते हैं?
फसल विविधीकरण योजना पात्र किसानों को विभिन्न लाभ प्रदान करती है, जिसमें वित्तीय प्रोत्साहन, तकनीकी सहायता, रियायती इनपुट, प्रशिक्षण कार्यक्रम और उनकी विविध फसलों के लिए बाजार लिंकेज शामिल हैं।