हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना 2024: HP Parvat Dhara Yojana पूरी जानकारी

HP Parvat Dhara Yojana:- हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा अपने राज्य के जल स्रोतों का संग्रहण, प्रबंधन एवं संरक्षण करने के लक्ष्य से HP Parvat Dhara Yojana को नियोजित किया गया है। फिलहाल यह योजना प्रदेश के लाहौल और स्पीति मंडलों को छोड़कर अन्य सभी 10 मंडलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की गई है। क्योंकि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी इलाका है और विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह से प्रदेश में जल की बर्बादी हो रही है तो आने वाले समय में भूजल स्तर बहुत ही अधिक निचले स्तर पर चला जाएगा जिससे लोगों के सामने पानी की कमी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। Himachal Pradesh Parvat Dhara Yojana की शुरुआत भविष्य में आने वाली इसी गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए और भू-जल स्थिति एवं जल स्रोतों के विकास करने के लिए की गई है। तो आइए और हमारे साथ जानिए कि क्या है HP Parvat Dhara Yojana 2024 और इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में। हिमाचल प्रदेश की “पर्वत धारा योजना” (HP Parvat Dhara Yojana) एक प्रमुख सरकारी योजना है जो पर्वतीय क्षेत्रों में जल संचयन और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। यह योजना 2024 में शुरू की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में पानी की संचयन योजनाओं को प्रोत्साहित करना है ताकि वहां के जल स्तर को बढ़ाया जा सके और स्थानीय लोगों को पानी की समस्याओं से निपटने में मदद मिले।

इस योजना के तहत, विभिन्न पर्यावरणीय परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जैसे कि जल संचयन तंत्रों का निर्माण, जल बन्दिंग का समर्थन, वन्यजीव संरक्षण, और जल संचार के संवर्धन। इसके अलावा, लोगों को जल संरक्षण और पानी की सही उपयोग के लिए जागरूक किया जाएगा।

यह योजना पर्वतीय क्षेत्रों में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय लोगों की जीवनशैली को सुधारने में मदद करेगी।

Himachal Pradesh Parvat Dhara Yojana 2024

HP Parvat Dhara Yojana की शुरुआत हिमाचल सरकार द्वारा जल स्रोतों का संवर्धन करके भूजल स्तर में वृद्धि करने के लिए की गई है। ताकि जल स्रोतों के विलुप्त हो रहे जीर्णोद्धार और ढलानदार खेतों में सिंचाई के लिए छोटे-बड़े जल संचायन ढांचों का निर्माण करके वनों में जल की आपूर्ति उपलब्ध करवाई जा सके।  इस योजना को राज्य के 10 वन मंडलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है। जिसके माध्यम से 110 छोटे छोटे तालाब, विभिन्न प्रकार के 600 चेक डैम व चेक वॉल और 12000 कन्टूर ट्रैंच का निर्माण कार्य किया जाएगा। इस अलावा राज्य में पौधरोपण भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। इस योजना पर 2 करोड़ 76 लाख रुपए का खर्च किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना 2024 का नोडल विभाग जल शक्ति विभाग है। साथ ही वन विभाग भी इस योजना के क्रियान्वयन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा क्योंकि प्रदेश में लगभग दो तिहाई भूभाग में वन है और 27% भूभाग हरित आवरण से ढका हुआ है।

HP Parvat Dhara Yojana के बारे में जानकारी

योजना का नामHP Parvat Dhara Yojana
घोषित की गईमुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी के द्वारा
संबंधित विभागवन विभाग
उद्देश्यराज्य के वन क्षेत्र में जल स्तर को बढ़ाना
लाभवन क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध करवाकर आसानी प्रदान करना।
बजट2 करोड़ 76 लाख रुपए
योजना के तहत शामिल मंडल10 वन मंडल
अधिकारिक वेबसाइटhttp://himachalpr.gov.in/

HP Parvat Dhara Yojana के तहत शामिल वन मंडल

सरकार ने इस योजना को राज्य के लाहौल और स्पीति मंडलों को छोड़कर अन्य सभी 10 मंडलों में लागू किया है। यह मंडल निम्नलिखित इस प्रकार है।

  • बिलासपुर
  • हमीरपुर
  • पार्वती
  • नाचन
  • राजगढ़
  • नालागढ़
  • ठियोग
  • नूरपुर
  • जोगिंद्रनगर
  • डलहौज़ी

HP Parvat Dhara Yojana 2024 का उद्देश्य

मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने पर्वत धारा योजना हिमाचल प्रदेश को शुरू करने की घोषणा अपने राज्य के भूजल स्तर में सुधार और जल का संरक्षण करने के लिए की है। इस योजना के तहत प्रदेश में ढलानदार क्षेत्रों में सिंचाई के लिए जल संग्रहण का निर्माण कार्य किया जाएगा। क्योंकि इन संग्रहण व तालाबों के निर्माण से राज्य के जल स्तर में सुधार आएगा। अभी केवल इस योजना को राज्य के 10 जिलों बिलासपुर, हमीरपुर, जोगिंद्रनगर, नाचन, पार्वती, नूरपुर, राजगढ़, नालागढ़, योग और इलहोजी में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया है। जहां पर इस योजना के माध्यम से छोटे-बड़े तालाब, चेक डैम व चेक वाल एवं कंटूर ट्रैन का निर्माण किया जाएगा। क्योंकि हिमाचल प्रदेश में वन क्षेत्र ज्यादा है। जहां पर सिंचाई के लिए अधिकतम पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए अब HP Parvat Dhara Yojana 2024 के माध्यम से वन क्षेत्रों में जल स्रोतों का संवर्धन करके जल की कमी को दूर किया जाएगा।

HP Parvat Dhara Yojana की विशेषताएं

  • प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी के द्वारा HP Parvat Dhara Yojana को शुरू करने की घोषणा की गई थी।
  • यह योजना प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिलों को छोड़कर अन्य सभी 10 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की गई है।
  • हिमाचल प्रदेश का दो तिहाई भूभाग में वन है और 27% भूभाग हरित आवरण से ढका हुआ है।
  • इस योजना के संचालन पर 2 करोड़ 76 लाख रुपए ‌ का खर्च किया जाएगा।
  • जल शक्ति विभाग इस योजना का नोडल विभाग होगा।
  • वन विभाग इस योजना के क्रियान्वयन का कार्य करेगा।
  • इस योजना के तहत राज्य के जल स्रोतों का संग्रहण, प्रबंधन एवं संरक्षण किया जाएगा।
  • इसके अलावा राज्य में पौधारोपण भी उपलब्ध करवाए जाएंगे

पर्वत धारा योजना हिमाचल प्रदेश 2024 के लाभ

  • इस योजना का लाभ प्रदेश के बिलासपुर, हमीरपुर, जोगिंद्रनगर, नाचन, पार्वती, नूरपुर, राजगढ़, नालागढ़, योग एवं इलहोजी वन मंडलों को मिलेगा।
  • इन वन मंडलों में इस योजना के माध्यम से 110 छोटे छोटे तालाब, विभिन्न प्रकार के 600 चेक डैम व चेक वॉल और 12000 कन्टूर ट्रैंच का निर्माण कार्य किया जाएगा।
  • हिमाचल प्रदेश पर्वत धारा योजना 2024 के माध्यम से राज्य में जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
  • जल और मिट्टी दोनों को संरक्षित किया जा सकेगा और राज्य में लंबे समय तक जल की आपूर्ति की जा सकेगी।
  • इस योजना के माध्यम से विलुप्त हो रहे जल स्रोतों के जीर्णोद्धार  और ढलानदार खेतों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु छोटे-बड़े जल संचायन ढांचों का निर्माण कार्य किया जाएगा। निर्माण करने के साथ साथ उनका रखरखाव भी किया जाएगा‌।

HP Parvat Dhara Yojana में जल स्तर को कैसे बढ़ाया जाएगा?

सरकार द्वारा इस योजना के तहत जल स्तर को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के छोटे बड़े तालाबों, चैक डैम व चेक वॉल का निर्माण किया जाएगा। ताकि भूमि में जल को अधिक समय तक रोका जा सके। ऐसा करने से मुद्रा एवं जल संसाधनों के कामों में सुधार आएगा और जल स्तर में बढ़ोतरी होने पर स्थानीय लोगों को खेती में सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में जल मिल सकेगा।

जल संचयन: पर्वतीय क्षेत्रों में जल संचयन के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है। यह मौसमी वृद्धि के साथ बारिश का पानी संचित करने के लिए जल सिंचाई तंत्रों को शामिल कर सकता है।

जल बन्दिंग: जल बन्दिंग या जल अवरोधन अवयवों का निर्माण करना, जैसे कि जल तालाब, झीलें, और जलाशय, पर्वतीय क्षेत्रों में जल स्तर को बढ़ाने का एक प्रमुख तकनीक है। यह पानी को संचित करने और प्रदान करने में मदद करता है।

वन्यजीव संरक्षण: पर्वतीय क्षेत्रों में वन्यजीव संरक्षण के लिए उचित वन संरक्षण के योजनाओं का पालन किया जा सकता है। वन्यजीवों के संरक्षण से पर्वतीय परिसर की स्थिरता बढ़ती है, जिससे जल संचयन में भी सहायक होता है।

जल संचार का संवर्धन: जल संचार के माध्यम से जल स्तर को बढ़ाने के लिए पानी के संचार का सुधार किया जा सकता है। इसमें जल संचार के बांधों, नालों, और सीमांत किनारों का निर्माण और संवर्धन शामिल हो सकता है।

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